नाहरगढ़ किला – Nahargarh Fort
राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर के अरवल्ली पर्वत की उचाई पर बना हुआ है |
जयपुर शहर से इस किले को देखना निश्चित ही आनंदमयी और मनमोहक होता है |
आमेर और जयगढ़ के साथ नाहरगढ़ किला भी जयपुर शहर को कड़ी सुरक्षा प्रदान करता है |
इस किले का नाम पहले सुदर्शनगढ़ था लेकिन बाद में इसे नाहरगढ़ किले के नाम से जाना जाने लगा, जिसका मतलब “शेर का निवास स्थान” होता है |
प्रसिद्ध प्रथाओ के अनुसार नाहर नाम नाहर सिंह भोमिया से लिया गया है, जिन्होंने किले के लिये जगह उपलब्ध करवाई और निर्माण करवाया|नाहर की याद में किले के अंदर एक मंदिर का निर्माण भी किया गया है, जिसे उन्ही के नाम से जाना जाता है।
नाहरगढ़ किल्ले का इतिहास – Nahargarh Fort History In Hindi
राजस्थान को किलों का शहर कहा जाए तो गलत नहीं होगा।यहां इतने सारे किले हैं जिसे घूमने और जानने के लिए काफी वक्त चाहिए।इसी में से एक है नाहरगढ़, जहां की खूबसूरती और शान ही निराली हैनाहरगढ़ किला जो दिखने में जितना सुंदर व अद्भुत है उतना ही विशाल ओर बड़ा भी है ।इस किले का निर्माण जयसिंह द्वितीय ने सन् 1734 में बनवाया था। जो एक विशाल दीवार द्वारा जयगढ़ किले से जुड़ा हुआ है। आमेर और जयगढ़ किले की ही तरह ये किला भी शहर की सुरक्षा का काम करता है। इसे देखने के लिए सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ती है।
और तो और कई मशहूर फिल्मों जैसे रंग दे बसंती और जोधा-अकबर फिल्मों के कई सीन यहां शूट हुए हैं।
पहले इस किले का नाम सुदर्शनगढ़ था जिसे बाद में बदलकर नाहरगढ़ रखा गया ।
महाराजा सवाई राम सिंह ने सन् 1868 में किले के अंदर भवनों का निर्माण और विस्तार करवाया था।
रानियों के लिए अलग-अलग और बहुत ही सुंदर महल बनवाया था |
नाहरगढ़ किले से पूरे शहर का नजारा बहुत ही खूबसूरत नजर आता है।
इस किले मे कई इतिहासिक घटनाये हुई है|
इनघटनाओ मे 18 वी शताब्दी में मराठाओ की जयपुर के साथ हुई लढाई भी शामिल है।1847 के भारत विद्रोह के समय इस क्षेत्र के युरोपियन, जिसमे ब्रिटिशो की पत्नियाँ भी शामिल थी ||
सभी को जयपुर के राजा सवाई राम सिंह ने उनकी सुरक्षा के लिये उन्हें नाहरगढ़ किले में भेज दिया था |
महल के कमरों को गलियारों से जोड़ा गया है और महल में कुछ रोचक और कोमल भित्तिचित्र भी बने हुए है। नाहरगढ़ किला महाराजाओ का निवास स्थान भी हुआ करता था, अप्रैल 1944 तक जयपुर सरकार इसका उपयोग कार्यालयीन कामो के लिये करती थी।
नाहरगढ़ किले कि विशेस्ताये एवं रोचक बाते |
नाहरगढ़ किले नौ इकमंजिले और महलों का निर्माण , सूरज प्रकाश , खुशहाल प्रकाश , जवाहर प्रकाश , ललित प्रकाश , आनन्द प्रकाश , लक्ष्मी प्रकाश , चाँद प्रकाश , फूल प्रकाश और बसन्त प्रकाश हैं , जो कदाचित् इन्हीं पासवानों के नाम पर हैं । ये महल एक छोटी सुरंग द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं|किले के अन्य प्रमुख भवनों में हवा मन्दिर , महाराजा माधोसिंह का अतिथिगृह , सिलहखाना आदि उल्लेखनीय हैं ।



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