NGO को अब विदेश से चंदा लेने के लिए करना होगा यह काम
अब किसी भी गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के लिए विदेश से चंदा लेना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि कम से कम 3 साल पुराना होने और कम से कम 15 लाख रुपये समाजसेवा पर खर्च करने के बाद ही कोई एनजीओ विदेश से चंदा लेने की योग्यता हासिल कर पाएगा।गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह भी कहा कि विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के तहत पंजीकरण चाह रहे एनजीओ के पदाधिकारियों को दानदाता की तरफ से एक निश्चित प्रतिबद्धता पत्र दाखिल करना होगा, जिसमें विदेशी योगदान की रकम और उसके उपयोग का उद्देश्य स्पष्ट करना होगा।
केंद्र सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए दो महीने पहले एफसीआरए नियम जारी किए थे, जिसमें एनजीओ के पदाधिकारियों का आधार नंबर उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया था। साथ ही एनजीओ का कार्यालय खर्च उसे मिले दान के 20 फीसदी से कम रहने और चुनावी उम्मीदवारों, सरकारी नौकरों, किसी भी सदन और राजनीतिक दलों के सदस्यों की तरफ से विदेशी फंडिंग स्वीकारने पर रोक लगाई गई थी।
नए नियमों के मुताबिक, किसी भी एनजीओ को एफसीआरए खाते में विदेशी योगदान स्वीकार करने से पहले एक प्रार्थना पत्र सरकार को देकर मंजूरी हासिल करनी होगी। बता दें कि एफसीआरए के तहत पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों ने 2016-17 से 2018-19 के बीच 58 हजार करोड़ रुपये का विदेशी फंड हासिल किया था। देश में इस समय तकरीबन 22,400 एनजीओ पंजीकृत हैं।

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