PM-किसान सम्मान स्कीम के तहत किसानों के खाते में डाले ₹50850 करोड़, सरकार ने बताया आगे का प्लान
इस स्कीम में सरकार ने किसानों के खाते में डाले ₹50850 करोड़ , ऐसे करें अप्लाई
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) में अब तक 50,850 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं. 24 फरवरी को इस स्कीम का एक साल पूरा होने जा रहा है. इसके तहत सीधे किसानों के बैंक खाते (Bank Account) में कुल 87 हजार करोड़ रुपये भेजे जाने का लक्ष्य रखा गया है.
मोदी सरकार की सुपरहिट स्कीम पीएम-किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) में अब तक 50,850 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं. 24 फरवरी को इस स्कीम का एक साल पूरा होने जा रहा है.
इसके तहत सीधे किसानों के बैंक खाते (Bank Account) में कुल 87 हजार करोड़ रुपये भेजे जाने का लक्ष्य रखा गया है. जैसे-जैसे लाभार्थियों का वेरीफिकेशन होगा. वैसे-वैसे बची हुई रकम भी भेजी जाएगी.
अगर आपने भी इस स्कीम का फायदे लेने के लिए अप्लाई किया है और अब तक बैंक खाते में पैसा नहीं आया है तो आसानी से इसके बारे में पता कर सकते हैं. साथ ही, इसका स्टेटस जानना बहुत आसान हो गया है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पीएम किसान पोर्टल (PM Kisan Portal ) पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके इसके स्टेटस की जानकारी ले सकता है कि उसे कितना पैसा मिला. नहीं मिला तो क्या दिक्कत है.
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों के बीच अभी तक 50,850 करोड़ रुपये दिए जा चुके है. इस योजना के 24 फरवरी को एक साल पूरे होने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पिछले साल 24 फरवरी को इस योजना की औपचारिक शुरुआत की थी.
इस योजना के तहत पात्र किसानों को साल में तीन किस्तों में छह हजार रुपये की मदद मिलती है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया,
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के 24 फरवरी 2020 को एक साल होने वाले हैं.
एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही खेती करते हो तो भी उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा.
सेंट्रल और राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी इसका फायदा नहीं मिलेगा.
पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस लाभ से वंचित होंगे. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.
बयान में कहा गया कि देशभर में किसानों के परिवार को आय में मदद करने के लिये तथा उन्हें कृषि कार्यों समेत घरेलू खर्च में सक्षम बनाने के लिये इस योजना की शुरुआत की गयी थी. मंत्रालय ने कहा,
‘‘केंद्र सरकार अभी तक 50,850 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का वितरण कर चुकी है.’’ कृषि गणना 2015-16 के आकलन के अनुसार, इस योजना में 14 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकता है.
इस साल 20 फरवरी तक 8.46 करोड़ किसानों को योजना की राशि मिल चुकी है.
यह योजना दिसंबर 2018 से लागू है. लाभार्थियों की पहचान करने की समयसीमा एक फरवरी 2019 रखी गयी थी. यह काम राज्य सरकारों के जिम्मे था.
इस योजना के तहत शुरुआत में सिर्फ उन छोटे किसानों को लाभ मिलना था, जिनके पास दो एकड़ या इससे कम खेत हैं. हालांकि बाद में इसका सभी छोटे बड़े किसानों को इसका पात्र बना दिया गया.
कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने बताया कि अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा.
कोई भी इसके पोर्टल पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है. इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है.
इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और सत्यापन में अब समय पहले से काफी कम लगेगा.
अगर आपने अभी तक प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं और 6,000 रुपये सालाना पाएं.
कॉमन सर्विस सेंटर पर नए नाम जुड़वा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए पूरे देश में 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं.
जिन किसानों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे नजदीकी सेंटर जाकर नाम जुड़वा सकते हैं.
इसके अलावा वेबसाइट www.pmkisan.gov.in पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते है.
अगर लेखपाल और कृषि अधिकारी किसी असली किसान को इसका लाभ देने में आनाकानी कर रहे हैं
तो सोमवार से शुक्रवार तक पीएम-किसान हेल्प डेस्क (PM-KISAN Help Desk) के ई-मेल Email (pmkisan-ict@gov.in) पर संपर्क कर सकते हैं. वहां से भी न बात बने तो इस सेल के फोन नंबर 011-23381092 (Direct HelpLine) पर फोन करें. यह केंद्रीय कृषि मंत्रालय की हेल्पलाइन है. इस पर आपकी बात जरूर सुनी जाएगी.
इसके तहत सीधे किसानों के बैंक खाते (Bank Account) में कुल 87 हजार करोड़ रुपये भेजे जाने का लक्ष्य रखा गया है. जैसे-जैसे लाभार्थियों का वेरीफिकेशन होगा. वैसे-वैसे बची हुई रकम भी भेजी जाएगी.
अगर आपने भी इस स्कीम का फायदे लेने के लिए अप्लाई किया है और अब तक बैंक खाते में पैसा नहीं आया है तो आसानी से इसके बारे में पता कर सकते हैं. साथ ही, इसका स्टेटस जानना बहुत आसान हो गया है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पीएम किसान पोर्टल (PM Kisan Portal ) पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके इसके स्टेटस की जानकारी ले सकता है कि उसे कितना पैसा मिला. नहीं मिला तो क्या दिक्कत है.
पीएम किसान योजना ने पूरा किया एक साल-
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों के बीच अभी तक 50,850 करोड़ रुपये दिए जा चुके है. इस योजना के 24 फरवरी को एक साल पूरे होने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पिछले साल 24 फरवरी को इस योजना की औपचारिक शुरुआत की थी.
इस योजना के तहत पात्र किसानों को साल में तीन किस्तों में छह हजार रुपये की मदद मिलती है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया,
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के 24 फरवरी 2020 को एक साल होने वाले हैं.
कैसे और किसे मिलेंगे 6000 रुपये (Pradhan mantri kisan samman nidhi scheme eligibility).
एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही खेती करते हो तो भी उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा.
सेंट्रल और राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी इसका फायदा नहीं मिलेगा.
पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस लाभ से वंचित होंगे. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.
बयान में कहा गया कि देशभर में किसानों के परिवार को आय में मदद करने के लिये तथा उन्हें कृषि कार्यों समेत घरेलू खर्च में सक्षम बनाने के लिये इस योजना की शुरुआत की गयी थी. मंत्रालय ने कहा,
‘‘केंद्र सरकार अभी तक 50,850 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का वितरण कर चुकी है.’’ कृषि गणना 2015-16 के आकलन के अनुसार, इस योजना में 14 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकता है.
इस साल 20 फरवरी तक 8.46 करोड़ किसानों को योजना की राशि मिल चुकी है.
यह योजना दिसंबर 2018 से लागू है. लाभार्थियों की पहचान करने की समयसीमा एक फरवरी 2019 रखी गयी थी. यह काम राज्य सरकारों के जिम्मे था.
इस योजना के तहत शुरुआत में सिर्फ उन छोटे किसानों को लाभ मिलना था, जिनके पास दो एकड़ या इससे कम खेत हैं. हालांकि बाद में इसका सभी छोटे बड़े किसानों को इसका पात्र बना दिया गया.
कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने बताया कि अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा.
कोई भी इसके पोर्टल पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है. इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है.
इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और सत्यापन में अब समय पहले से काफी कम लगेगा.
अगर आपने अभी तक प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं और 6,000 रुपये सालाना पाएं.
कॉमन सर्विस सेंटर पर नए नाम जुड़वा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए पूरे देश में 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं.
जिन किसानों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे नजदीकी सेंटर जाकर नाम जुड़वा सकते हैं.
इसके अलावा वेबसाइट www.pmkisan.gov.in पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते है.
अगर लेखपाल और कृषि अधिकारी किसी असली किसान को इसका लाभ देने में आनाकानी कर रहे हैं
तो सोमवार से शुक्रवार तक पीएम-किसान हेल्प डेस्क (PM-KISAN Help Desk) के ई-मेल Email (pmkisan-ict@gov.in) पर संपर्क कर सकते हैं. वहां से भी न बात बने तो इस सेल के फोन नंबर 011-23381092 (Direct HelpLine) पर फोन करें. यह केंद्रीय कृषि मंत्रालय की हेल्पलाइन है. इस पर आपकी बात जरूर सुनी जाएगी.








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